News: रविवार को वर्ल्ड बैंक ने अपने बयान में कहा कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने से लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आएगी। इतना ही नहीं वर्ल्ड बैंक का यह भी कहना है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर में भी बड़ी गिरावट आ सकती है।
विश्व बैंक (World Bank) ने South Asia Economic Update : Impact of COVID-19 में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2019-20 में भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट घटकर 5 फीसदी रह जाएगी। इसके साथ ही देश में वस्तुओं की डिमांड और सप्लाई में इंबैलेंस की वजह से 2020-21 में भी ग्रोथ रेट घट कर 2.8 फीसदी रह जाएगी। इस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में ऐसा समय लाया है जब भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरीके से कमजोर पड़ गई है।
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता दिख रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने लॉक डाउन का एक बहुत ही अच्छा निर्णय लिया जिसकी वजह से देश में स्थितियां अभी संभली हुई है। देश भर में 24 मार्च से लगाकर 14 अप्रैल तक यानी कि 21 दिन का संपूर्ण लॉक डाउन घोषित किया गया है। इस लॉक डाउन के कारण लोगों के आने जाने पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। जिसकी वजह से वस्तुओं की डिमांड एवं सप्लाई में असंतुलन बना हुआ है। इस असंतुलन की वजह से वैश्विक स्तर पर जोखिम अधिक बढ़ गया है जिसे ठीक होने में काफी समय लग जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ल्ड बैंक का अंदाजा है कि अगले साल यानी कि फिसकल ईयर 2022 में इस महामारी की वजह से हुए नुकसान की भरपाई होती दिखेगी। और अर्थव्यवस्था में 5 फ़ीसदी तक बढ़त बन सकती है। लेकिन यह संभव होने के लिए भी अर्थव्यवस्था के लिए फिस्कल, मॉनिटरी पॉलिसी भी सपोर्टिव होनी चाहिए।
हैंस टिमर जो कि वर्ल्ड बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट है, उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि इस समय भारत के परिदृश्य हितकर नहीं लग रहे। उन्होंने आगे अपनी बात में कहा कि अगर भारत में लॉक डाउन ज्यादा समय तक जारी रखा गया तो भारत के इकोनोमिक रिजल्ट अनुमान से ज्यादा बिगड़ सकते है। इस चुनौती को मात देने के लिए भारत का सबसे पहला लक्ष्य यह है कि वह किसी भी हाल में इस महामारी को फैलने से रोके और साथ ही साथ यह भी देखा जाए कि सभी को भोजन मिले।
टिमर का यह भी कहना है कि लोकल स्तर पर टेंपरेरी एंप्लॉयमेंट पर भी ध्यान देना होगा। पूछे गए सवाल के जवाब में टिमर ने कहा कि इस समय भारत को छोटे और मझोले एंटरप्राइज को मजबूती देनी होगी और उन्हें गिरने से बचाना होगा।
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