स्वागत है आपका हमारी आज की इस पोस्ट में जो कि लिखी गई है accounting in Hindi पर। दोस्तों आपने accounting शब्द तो जरूर सुना होगा। अगर आप कॉमर्स बैकग्राउंड से हैं तो आपको accounting का अर्थ बहुत अच्छे से मालूम होगा लेकिन अगर आप commerce background से नहीं है और व्यापारी भी नहीं है तो इसको समझना आपके लिए थोड़ा कठिन होगा। अगर आपको भी एकाउंटिंग का मतलब नहीं पता तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आपको accounting से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी देने की कोशिश करेंगे और इससे जुड़े हर पहलू पर चर्चा करेंगे। तो आइए दोस्तों बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
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एकॉउंटिंग क्या है? - what is accounting in hindi?
दोस्तों सबसे पहले तो आप यह समझ लीजिए कि यह एक बिजनेस से जुड़ी term है। अगर हम इसका शाब्दिक अर्थ देखें तो accounting का मतलब होता है लेखांकन। "लेखांकन" दो शब्दों से मिलकर बना है, लेख और अंकन। लेख का अर्थ होता है लिखना और अंकन का अर्थ होता है अंको में। तो लेखांकन का अर्थ हुआ अंको में लिखना। किसी भी घटना को क्रमवार तरीके से अंको में लिखना ही लेखांकन कहलाता है। और यहां ध्यान देने वाली बात यह है की घटना का मतलब है रुपयों का आदान-प्रदान। हर प्रकार के व्यापार में रुपयों का लेनदेन तो होता ही है लेकिन इस लेनदेन को याद रख पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। तो इसे आसान बनाने के लिए लेनदेन को लिख लिया जाता है इसे ही एकाउंटिंग कहते हैं। बिजनेस में selling और purchasing का रिकॉर्ड रखने के लिए accounting की जाती है जिससे भविष्य में कोई दिक्कत आने पर इसे फिर से खोलकर पढ़ा जा सके।
बिजनेस की भाषा में कहें तो financial exchange की खबर रखना ही accounting कहलाता है। इसे और भी साधारण तरीके से समझने के लिए मान लीजिए कि आपकी एक दुकान है जिसमें दिन भर में काफी बिक्री होती है। लेकिन हर बार हर बिक्री को याद रख पाना मुश्किल होता है। आप हर एक चीज को याद नहीं रख सकते कि किस समय क्या खरीदा गया कितने रुपए में खरीदा गया। इस समस्या को सुलझाने के लिए ही accounting का सहारा लिया जाता है। आज के परिपेक्ष में देखें तो आज बिजनेस विश्व स्तर पर पहुंच गया है दो देशों के बीच में भी व्यापार में लेनदेन होने लगा है ऐसी स्थिति में बहुत ज्यादा खरीद बिक्री होने की वजह से समस्या पैदा होती है। इस समस्या का एक ही समाधान है accounting। जो व्यक्ति यह कार्य करता है, रुपयों के आदान-प्रदान का रिकॉर्ड रखता है उसे अकाउंटेंट कहते हैं। हर छोटी बड़ी दुकान का एक accountant होता है जो कि उस दुकान में होने वाली रुपयों के लेन-देन का हिसाब रखता है जिससे लाभ और हानि का पता चल जाता है।
Accounting के लाभ
एकाउंटिंग के व्यवहारिक लाभ की बात करे तो वे इतने है कि एक पोस्ट में लिखना मुमकिन नही है। आगे हैम आपको बताएंगे कि एकाउंटिंग के क्या लाभ है जिनको पढ़ कर आप जान पाएंगे कि आप एकाउंटिंग को कैसे इस्तेमाल कर सकते है।
बिजनेस में आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए ही एकाउंटिंग करने का चलन शुरू हुआ। इससे बिजनेस में बहुत ही आसानी होने लगी और कई लाभ हुए जो कि इस प्रकार हैं:--
- Accounting के द्वारा किसी विशेष समय अवधि में हुए खरीद एवं बिक्री का पता लगाया जा सकता है एवं उससे हुए लाभ और हानि को भी समझा जा सकता है।
- Accounting के माध्यम से बिजनेस में आने वाले समय में होने वाले लाभ एवं हानि का भी जल्दी पता चल जाता है।
- Accounting के द्वारा व्यापार में हुई हर एक रुपयों के लेनदेन को लिख लिया जाता है जिससे कि हमें उसे बार-बार याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती। जैसे कि किसी विशेष समय पर कौन सी वस्तु खरीदी गई कितनी कीमत पर खरीदी गई उस से कितना लाभ एवं हानि हुई।
- यह केवल बिजनेस को ही लाभ नहीं देती बल्कि सरकार एवं दूसरे पक्ष के लोगों को भी इससे लाभ होता है।
Types of accounting
दोस्तों एकाउंटिंग तीन प्रकार की होती है जो कि इस बात पर निर्भर करती है कि उस अकाउंट का स्वरूप क्या है। हमने इस पोस्ट में इन तीनो प्रकार की एकाउंटिंग को विस्तार से समजाया है जिससे कि आपको समजने में आसानी हो।
- Personal account
- Real account
- Nominal account
Personal account
Personal account का मतलब होता है ऐसा अकाउंट जो किसी व्यक्ति विशेष या फिर कोई संस्था, ट्रस्ट, कंपनी, या बैंक से जुड़ा होता है। इस अकाउंट के माध्यम से हमें यह आसानी से पता चल जाता है कि किस व्यक्ति से कितने पैसे लेने हैं या किस व्यक्ति को कितने पैसे देने हैं। उदाहरण के लिए:
- Mahesh A/c
- Krishna traders A/c
- Gayatri parivaar A/c
- Reliance A/c
- Corp. Bank A/c
Real account
इस प्रकार के अकाउंट में संपत्ति या वस्तु से संबंधित होते है। वस्तु या संपत्ति एसेट्स और देनदारियां दोनों आते है। Real Account के उदाहरण निम्नलिखित है:
- furniture A/c
- shop A/c
- building A/c
- machinery A/c
- Vehicals A/c, आदि।
Nominal account
Business से जुड़ी हर आमदनी या हर खर्च nominal account के अन्तर्गत आते है। इस अकाउंट के माध्यम से हमें बिजनेस में हुए लाभ और हानि का पता चल जाता है। सीधे शब्दों में लाभ और हानि का ब्यौरा रखने वाला खाता नॉमिनिअल एकाउंट कहलाता है।
Nominial account के उदाहरण है:--
- Salary A/c
- Rent A/c
- Commission A/c
- Light bill A/c
- Discount A/c
- Purchase A/c
- Sales A/c
निष्कर्ष:--
तो दोस्तों आज इस पोस्ट में हमने जाना एकाउंटिंग के बारे में तथा एकाउंटिंग के लाभ। इस पोस्ट में हमने आपको तीन प्रकार के अकाउंट के बारे में भी बताया। आशा करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई होगी और इससे आपको बहुत कुछ जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आप हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं और अगर इस पोस्ट से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो वह भी आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। आपके सुझावों और सवालों का हम इंतजार करते हैं। हम आपको जरूर सुनना चाहेंगे। मिलते हैं दोस्तों इसी तरह की बिजनेस से जुड़ी हमारी अगली बेहतरीन पोस्ट के साथ।
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