News: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एसबीआई जो की देश का सबसे बड़ा बैंक है उसने बुधवार को अपनी MCLR में थोड़ी कमी कर दी है। एसबीआई बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट यानी कि MCLR में 0.15 फ़ीसदी की कमी कर दी है। बता दें कि एसबीआई बैंक लोन और डिपाजिट पर कितनी ब्याज दर रहेगी अपने MCLR रेट को देखते हुए ही तय करता है। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि अगर MCLR ज्यादा होगा तो लोन पर ज्यादा ब्याज लगेगा एवं अगर MCLR कम होगा तो ब्याज भी कम होगा। एसबीआई बैंक ने अपनी MCLR को 0.15 फ़ीसदी से घटाकर अब उसे 7.25 फ़ीसदी कर दिया है जो कि पहले 7.40 फ़ीसदी थी। बैंक ने यह भी बताया है कि यह नई ब्याज दर 10 अप्रैल से लागू होने वाली है और यह 12वीं बार है जब बैंक ने अपने MCLR में कटौती की है।
बैंक ने बताया है कि उसकी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ट लेंडिंग रेट में कमी आने से होम लोन की ईएमआई में भी कमी आएगी। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपने 25 लाख का लोन 30 साल के लिए लिया है तो अब आपको ₹255 कम चुकाने होंगे। लेकिन इसमें एक परेशानी की बात यह है कि अगर आपका होम लोन MCLR रेट के अनुसार है तो आपको इसका मुनाफा जल्दी नहीं मिलेगा। MCLR बेस्ड लोन का इंटरेस्ट रेट 1 साल में केवल एक ही बार मिलता है। लेकिन अगर आप एसबीआई बैंक से अभी-अभी जुड़े हैं तो बैंक अपने नए ग्राहक हैं को कुछ मुनाफा देगा और हो सकता है कि आपको उसका फायदा जल्दी मिल जाए।
इसके साथ ही एसबीआई बैंक ने अपने FD की ब्याज दरों में भी कमी की है। बैंक का फिलहाल कहना है कि अभी हमारे पास सिस्टम में जितनी चाहिए उतनी नकदी है और कैश की भी कोई परेशानी नहीं है। बैंक ने FD पर 0.20 फीसदी इंटरेस्ट रेट कम की है जिसकी अवधि 3 साल तक के लिए रखी गई है यह नई दरें आने वाली 12 मई 2020 से प्रभाव में आएंगी। जानकारी के लिए बता दें कि एसबीआई बैंक ने पिछले दो महीनों के अंदर ही तीसरी बार अपने इंटरेस्ट रेट को कम किया है।
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