News: विश्व भर में फैली कोरोना महामारी की वजह से सभी देश खौफ में है। भारत में भी यह संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। इसको देखते हुए सरकार ने 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया था। जिसके खत्म होने के बाद इस लॉक डाउन के समय को अब और अधिक बढ़ा दिया गया है। और अब यह 40 दिन का लॉक डाउन हो गया है। बताया जा रहा है कि लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। पूरे साल भर अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाई रहेगी। ऐसा लगभग 40 साल बाद हुआ है की अर्थव्यवस्था पूरे साल कमजोर रही हो।
एक जानी-मानी इकोनॉमिस्ट सोनल वर्मा के अनुसार बिजनेस स्टैंडर्ड ने यह लिखा है कि पहले इस लॉक डाउन का समय केवल 21 दिन था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40 दिन कर दिया है। जिससे कि इकोनॉमी में डायरेक्ट आउटपुट लॉस 8 फ़ीसदी से भी ज्यादा होने की संभावना है।
सोनल वर्मा का यह अंदाजा है कि 2021 फिस्कल ईयर में देश की जीडीपी घटेगी और 0.4 फ़ीसदी रह जाएगी। वहीं दूसरी ओर सोसाइटी जनरली GSC के अनुसार फिसकल ईयर 2021 में जीडीपी घटकर 0.01% रहेगी। अर्थव्यवस्था में इतनी ज्यादा कमजोरी 1980 में देखने को मिली थी जब देश की जीडीपी में 5.2 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इसके साथ ही इकोनॉमिस्ट सोनल वर्मा ने यह भी कहा है कि लोग डाउन खत्म होने के बाद भी स्थितियां संभलने में बहुत वक्त वक्त लगेगा और लोक डाउन के बाद भी इस संक्रमण के फैलने का डर बना रहेगा। ऐसे कई अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर है जिनकी रोजी रोटी प्रभावित होगी। कुछ बैंकिंग और कॉरपोरेट सेक्टर की मुश्किलें भी बढ़ेगी।
ब्लूमबर्ग इंडिया के इकोनॉमिस्ट अभिषेक गुप्ता के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को बिगड़ने से कोई नहीं रोक सकता। इस मंदी को किसी भी हालत में नहीं रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा, "फिसकल ईयर 2021 के लिए भारत की जीडीपी में 6 फ़ीसदी की गिरावट के साथ 4 पॉइंट 7 फ़ीसदी रह जाएगी कोरोना वायरस महामारी के आने से पहले जीडीपी में 6 फ़ीसदी बढ़त का अनुमान लगाया जा रहा था"।
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