News: देश में तेजी से फैल रहे कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया है। सरकार इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मौजूदा हालात में जैसी स्थितियां देश में बन रही हैं उनको देखते हुए देश के हेल्थ सिस्टम को और अच्छा करने के लिए सरकार ने 15,000 करोड रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि इसमें से लगभग आधा फंड इमरजेंसी जैसे हालात से निपटने के लिए खर्च किया जाएगा जबकि बाकी आधा फंड अगले 4 साल में मिशन मोड के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार ने हाल ही में कुछ जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट्स जैसे कि वेंटिलेटर, टेस्टिंग किट, मास्क और पीपीई जैसी चीजों पर और इनको बनाने के लिए लगने वाले रॉ मटेरियल पर से कस्टम ड्यूटी, इंपोर्ट ड्यूटी तथा हेल्थ सेट को हटाने का फैसला लिया है, ताकि इनके दाम कम हो सके और आमजन तक यह वस्तुएं आसानी से पहुंच सके। आने वाली 30 सितंबर तक इन वस्तुओं पर किसी प्रकार का कोई इंपोर्ट शुल्क या हेल्थ सेस नहीं लिया जाएगा।
सरकार ने यह आर्थिक पैकेज इमरजेंसी रिस्पांस और हेल्थ सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए दिया है। सरकार ने साथ ही में यह भी ऐलान किया है कि इस पैकेज की आधी राशि इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए इस्तेमाल होगी और आधी राशि का इस्तेमाल 4 साल में मिशन मोड में किया जाएगा।
सरकार ने साफ कहा है कि अभी देश के हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने की अत्यंत आवश्यकता है, इसके लिए यह पैसा खर्च होगा। सरकार की योजना है कि वह टेस्टिंग किट एवं वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाएगी। इसके साथ ही जरूरी दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग में भी तेजी लाने का प्रयास चल रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि आर्थिक पैकेज को लाने के साथ ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है कि वह बेसिक मेडिकल इक्विपमेंट्स जिनकी मौजूदा हालातों में बहुत ज्यादा आवश्यकता है जैसे कि मास्क, टेस्टिंग किट, वेंटीलेटर, इन सभी वस्तुओं पर से कस्टम ड्यूटी, इंपोर्ट शुल्क और हेल्थ सेस 30 सितंबर तक माफ किया जाएगा।
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