News: कोरोना वायरस की महामारी ने पूरी दुनिया मे आर्थिक संकट पैदा कर दिया है और भारत भी इससे अछूता नही रह है। बहुत सी कंपनियों को इस स्तिथि में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है और इसी कारण वे बैंक से लिये लोन की किश्ते नही चुका पा रहे है। ऐसी स्तिथि में बैंक द्वारा कंपनियों के लोन को NPA घोषित कर रहा है। इस पर दिल्ली हाइकोर्ट ने पाबंदी लगा दी है।
असल मे एक रियल स्टेट कंपनी ने बैंक से ऋण लिया था जिसकी किश्त जनवरी में भरनी थी लेकिन किश्त न चुका पाने पर बैंक ने उसे NPA घोषित कर दिया।
इसपर कंपनी ने अदालत से न्याय की मांग की और बैंक द्वारा कोई कार्यवाही ना करने की मांग की।
कंपनी के वकील ने 25 अप्रैल तक कि मोहलत मांगी है और ब्याज समेत किश्त चुकाने की बात कही।
हाइकोर्ट ने आदेश दिया है कि बैंक 31 मार्च को कंपनी के लोन को NPA घोषित ना करे तथा इनके खाते को बहाल करे।
इससे पहले 3 अप्रैल को कोर्ट ने बैंक को कोई बड़ी कार्यवाही न करने के निर्देश दिए थे।
कंपनी ने बैंक से 1570 करोड़ रुपए का लोन लिया था जिसमे से 1056 करोड़ रुपये उसने ब्याज समेत चुका दिए है।
कंपनी ने कहा है कि दिसंबर में पूरी दुनिया के साथ ही उन्हें भी कोरोना के चलते आर्थिक नुकसान हुआ है।
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