शुक्रवार को मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने फिस्कल ईयर 2020 के लिए देश की अनुमानत ग्रोथ रेट में 2.5% की कटौती करके बताई है। बताया जा रहा है कि पहले देश कि इकोनोमिक ग्रोथ रेट 5.3% थी मगर अब अनुमान लगाया जा रहा है की यह घटकर 2.5 फीसदी तक रहो जाएगी।
अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में मूडीज का कहना है कि, "भारत और साउथ अफ्रीका की सरकार ने 21 दिनों के लॉकडाउन करने का फैसला लिया है। हमारा अनुमान है कि इससे भारत और साउथ अफ्रीका, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। भारत के लिए हमारे इकोनोमिक ग्रोथ का अनुमान इस साल के लिए 2.5 फीसदी है और अगले साल के लिए 5.8 फीसदी है।"
मूडीज का कहना है कि (NBFC) नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर्स और बैंको पर इस समय काफी दबाव होने के कारण नकदी संकट है। ऐसी स्थिति में इकॉनोमी में क्रेडिट फ्लो पहले ही बहुत कम है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि फिस्कल ईयर 2020 की चौथी तिमाही आने तक रियल जीडीपी ग्रोथ का 4.7% रहने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन अब इन हालातों को देखते हुए इस ग्रोथ रेट को हासिल कर पाना बहुत ही मुश्किल है। जबकि समूचे फिस्कल ईयर 2020 के लिए जीडीपी का अनुमान 5% है।
RBI दिया गवर्नर शक्तीकांत दास का कहना है कि, "फिस्कल ईयर 2020-21 में कृषि और इससे जुड़ी दूसरी गतिविधियों पर भी महामारी का बुरा ही ज्यादा नकारात्मक असर देखने को मिलेगा। मैं एकबार फिर दोहराता हूं कि इसका असर बहुत ज्यादा होगा। अगर Covid-19 की वजह से सप्लाई चेन लंबे समय तक असंतुलित रहती है तो ग्लोबल स्लोडाउन और गहरा होगा।"
गुरुवार को इससे पहले क्रिसिल ने भी फिस्कल ईयर 2020 के लिए इकोनोमिक ग्रोथ रेट के अनुमान 5.2 फीसदी में कटौती करके 3.5 फीसदी कर दिया था।
साथ ही ICRA ने भी फिस्कल ईयर 2020-2021 के लिए भारत के ग्रोथ का अनुमान में बदलाव किया है। ICRA ने भारत के लिए अपने ग्रोथ अनुमान को 4.4 फीसदी से घटाकर 4.2 फीसदी कर दिया।
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