विश्व भर में फैला कोरोना वायरस अब भारत में भी अपने पैर पसार रहा है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस बीमारी को महामारी घोषित किया गया है और पूरे विश्व में कहीं भी इस बीमारी का इलाज अब तक नहीं मिला इसके लिए कोई दवा नहीं बनी। इन्हीं हालातों के चलते अट्ठारह मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश को संबोधित किया। उनके द्वारा अपील किया गया जनता कर्फ्यू काफी हद तक सफल रहा। लेकिन अभी भी स्थिति काबू में नहीं है। ऐसी स्थितियों को देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दूसरी बार देश को संबोधित किया। पीएम के इस संबोधन में उन्होंने बहुत कुछ देश को कहा और कई मुख्य फैसले लिए जो इस प्रकार हैं:--
भारत संपूर्ण लॉकडाउन
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश को बचाना है तो इस वायरस के फैलने की साइकिल को तोड़ना ही होगा। इस मुश्किल समय में सरकार के लिए देश के नागरिकों का जीवन बचाना ही प्राथमिकता है। इसलिए सभी के हित के लिए आज रात 12:00 बजे से आने वाले 21 दिन तक देश के सभी राज्यों में पूर्ण रूप से लॉक डाउन होने जा रहा है। देश का हर राज्य, हर जिला, हर गांव आने वाले 21दिनों तक पूरी तरीके से इसका पालन करे। घर के अंदर रहने में ही भलाई है। बचाव ही एक मात्र इलाज है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार 21 दिन का lockdown बेहद जरूरी
पीएम मोदी ने बताया कि एक्सपोर्ट्स क्या कहते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कम से कम 21 दिन तक लॉकडॉउन बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हाथ जोड़कर देश की जनता से अपील की है कि वह इस लॉकडॉउन को सफल बनाएं एवं इस महामारी से खुद भी बचे और दूसरों को भी बचाएं।
₹15 हजार करोड़ का प्रावधान
कोरॉना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार निरंतर महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। देश की हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने 15000 करोड रुपए का प्रावधान किया है। Corona virus से जुड़ी testing facilities, personal protective equipment, आइसोलेशन बेड, ICU बेड, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी साधनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में देश की जनता द्वारा लिया गया एक्शन तय करेगा देश का भविष्य।
Social distancing ही एक मात्र रास्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया के विकसित देशों में गिने जाने वाले चाइना, रशिया, इटली, अमेरिका, स्पेन, ईरान जैसे समर्थ से समर्थ देश भी इस बीमारी को काबू में नहीं कर पाए। और माना जाता है कि इन सभी देशों में स्वास्थ्य से जुड़ी बेहतरीन सेवाएं सुविधाएं हैं बावजूद इसके ये देश इस बीमारी की चपेट में बहुत बुरी तरीके से है। इन संकट की घड़ियों में जो एक उम्मीद की किरण नजर आती है वह है social distancing, यही एकमात्र रास्ता है कोरोना वायरस की साइकिल को तोड़ने का। क्योंकि यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है। और शरीर में इस संक्रमण का पता लग पाना भी मुश्किल है। क्योंकि संक्रमण के 14 दिन बाद इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं और इन 14 दिनों के भीतर संक्रमित व्यक्ति न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर देता है। इससे बचने के लिए social distancing का रास्ता अपनाना बहुत ही आवश्यक है।
WHO के आंकड़े
WHO के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि दुनिया भर में केवल 68 दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख हो गई थी, उसके बाद सिर्फ 11 दिन में दुनिया भर में संक्रमित लोगों की संख्या 2 लाख हुई और मात्र 4 दिन में यह संख्या तीन लाख का आंकड़ा छू गई। इन आंकड़ों को देखकर भी लापरवाही करना या निश्चिंत रहना सही नहीं है।
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