News: काफी समय से चल रहे देशभर में लॉक डाउन की वजह से काफी मजदूर अपने घर से दूर राज्यों में फंसे हुए हैं। उनकी इस तकलीफ को समझकर सरकार ने सीमित ट्रेन सेवा शुरू करने का फैसला लिया है ताकि प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटाया जा सके। लेकिन यह पाया गया है कि मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेनों में 4 में से 3 ट्रेन केवल यूपी और बिहार के श्रमिकों को ही ला रही है। इन स्थितियों को देखकर लगता है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से और बिहार के लोग काफी संख्या में दूसरे स्थानों पर मजदूरी करते हैं। इन ट्रेनों में से 44% उत्तर प्रदेश और 30% बिहार जाने वाली है।
रेल मंत्रालय द्वारा यह डाटा दिया गया है कि रेलवे ने रविवार दोपहर तक 366 ट्रेनों को रवाना किया था जिनमें से 287 डेस्टिनेशन पर पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश और बिहार को बाकी राज्यों की तुलना में अधिक ट्रेनें मिली है। पीयूष गोयल जो कि रेल मंत्री है उन्होंने यह कहा है कि वह 1 दिन में 300 ट्रेनों को रवाना करने के लिए तैयार थे और उन्होंने अलग-अलग राज्यों से यह आग्रह भी किया था कि वह प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों को लाने ले जाने की अनुमति दें ताकि देश भर में फंसे सभी प्रवासी 3 से 4 दिन के भीतर अपने घर पहुंच सके।
रेल मंत्रालय का कहना है कि 287 ट्रेन अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच चुकी है जिनमें से 127 ट्रेनें केवल उत्तर प्रदेश ही गई है और 87 ट्रेनें बिहार गई है। साथ ही मध्य प्रदेश को 24 ट्रेनें, ओडीशा को 20 और झारखंड को 16 ट्रेनें मिली है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल को एक-एक दो-दो ट्रेनें ही मिल पाई है। बताया जा रहा है कि मजदूरों को अपने राज्य पहुंचाने के बाद भी यह ट्रेन सेवाएं चलती रहेंगी।
रेल मंत्रालय द्वारा यह डाटा दिया गया है कि रेलवे ने रविवार दोपहर तक 366 ट्रेनों को रवाना किया था जिनमें से 287 डेस्टिनेशन पर पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश और बिहार को बाकी राज्यों की तुलना में अधिक ट्रेनें मिली है। पीयूष गोयल जो कि रेल मंत्री है उन्होंने यह कहा है कि वह 1 दिन में 300 ट्रेनों को रवाना करने के लिए तैयार थे और उन्होंने अलग-अलग राज्यों से यह आग्रह भी किया था कि वह प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों को लाने ले जाने की अनुमति दें ताकि देश भर में फंसे सभी प्रवासी 3 से 4 दिन के भीतर अपने घर पहुंच सके।
रेल मंत्रालय का कहना है कि 287 ट्रेन अपनी डेस्टिनेशन पर पहुंच चुकी है जिनमें से 127 ट्रेनें केवल उत्तर प्रदेश ही गई है और 87 ट्रेनें बिहार गई है। साथ ही मध्य प्रदेश को 24 ट्रेनें, ओडीशा को 20 और झारखंड को 16 ट्रेनें मिली है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल को एक-एक दो-दो ट्रेनें ही मिल पाई है। बताया जा रहा है कि मजदूरों को अपने राज्य पहुंचाने के बाद भी यह ट्रेन सेवाएं चलती रहेंगी।
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