News: देश के असम राज्य के एक बहुत ही छोटे से गांव से निकल कर आने वाली एथलीट हिमा दास में इतिहास रच दिया है। भारतीय एथलेटिक्स में हिमा दास ने मानो एक नए युग की शुरुआत कर दी हो। देश में एथलीट खेल की नई पोस्टर गर्ल बनने वाली ही हिमा ने अपने जीवन में इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत ही संघर्ष का सामना किया है। फर्राटे से दौड़ने वाली हिमा दास का कहना है कि उन्होंने जीवन में काफी बुरे दिन देखे हैं। एक समय ऐसा भी था जब वह अपने साधारण से दिखने वाले जूतों पर खुद से एडिडास लिखती थी लेकिन अब खेल सामग्री बनाने वाली यह जानी मानी कंपनी उनकी जरूरत के हिसाब से जूते तैयार करती है जिस पर उनका नाम लिखा होता है।
भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ इंस्टाग्राम पर हुई बातचीत में हिमा ने कहा कि जब वह पहली बार दौड़ में भाग लेने वाली थी तब उनके पिता ने उन्हें बहुत ही मामूली से स्पाइक वाले जूते खरीद कर दिए थे। शुरुआत में तो मैं नंगे पांव ही दौड़ती थी लेकिन जब पहली बार मैं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली थी तब मेरे पिता ने मेरे लिए स्पाइक वाले जूते खरीदे थे। वह जूते सामान्य दिखते थे लेकिन मैंने खुद से उस पर एडिडास लिख दिया था। कड़ी मेहनत और लगन भविष्य में भाग्य जो कहां तक ले जा सकता है एडिडास अब मेरे नाम के साथ जूते बनाता है। अधिक जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से यह धाविका एनआईएस पटियाला में फंसी हुई है।
फिनलैंड में हुए अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप 2018 (U20 World Championship) में सीमा ने 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। उसके बाद जर्मनी की यह कंपनी जिसका नाम है एडीडास उन्होंने हिमा को अपना ब्रांड एंबेसडर बना दिया था। कंपनी ने उनके हिसाब से जूते बनाए जिसमें एक तरफ उनका नाम लिखा था वहीं दूसरी तरफ लिखा था "इतिहास रचें"। उन्होंने आगे यह भी बताया कि लोगों ने 2018 एशियाई खेलों के बाद से उनके खेलों में भी इंटरेस्ट दिखाना शुरू किया। हिमा ने इंडोनेशिया में हुए खेलों में एथलीट में 400 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल एवं महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ और 400 मीटर की मिश्रित बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल जीता।
भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ इंस्टाग्राम पर हुई बातचीत में हिमा ने कहा कि जब वह पहली बार दौड़ में भाग लेने वाली थी तब उनके पिता ने उन्हें बहुत ही मामूली से स्पाइक वाले जूते खरीद कर दिए थे। शुरुआत में तो मैं नंगे पांव ही दौड़ती थी लेकिन जब पहली बार मैं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली थी तब मेरे पिता ने मेरे लिए स्पाइक वाले जूते खरीदे थे। वह जूते सामान्य दिखते थे लेकिन मैंने खुद से उस पर एडिडास लिख दिया था। कड़ी मेहनत और लगन भविष्य में भाग्य जो कहां तक ले जा सकता है एडिडास अब मेरे नाम के साथ जूते बनाता है। अधिक जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से यह धाविका एनआईएस पटियाला में फंसी हुई है।
फिनलैंड में हुए अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप 2018 (U20 World Championship) में सीमा ने 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। उसके बाद जर्मनी की यह कंपनी जिसका नाम है एडीडास उन्होंने हिमा को अपना ब्रांड एंबेसडर बना दिया था। कंपनी ने उनके हिसाब से जूते बनाए जिसमें एक तरफ उनका नाम लिखा था वहीं दूसरी तरफ लिखा था "इतिहास रचें"। उन्होंने आगे यह भी बताया कि लोगों ने 2018 एशियाई खेलों के बाद से उनके खेलों में भी इंटरेस्ट दिखाना शुरू किया। हिमा ने इंडोनेशिया में हुए खेलों में एथलीट में 400 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल एवं महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ और 400 मीटर की मिश्रित बाधा दौड़ में गोल्ड मेडल जीता।
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