News: अगर देश भर में देखें तो अभी तक महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना से संक्रमित मरीज हैं। इसी की वजह से महाराष्ट्र में बहुत ही ज्यादा सख्ती बरती जा रही है। एवं सुरक्षा की दृष्टि से हर एक व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पूरी सावधानी के साथ एवं लॉक डाउन के नियम व शर्तें का पालन करते हुए 20 अप्रैल से राज्य में औद्योगिक एवं व्यवसायिक गतिविधियां शुरू होगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि ज्यादा दिन तक लॉक डाउन बने रहना एवं व्यापारिक गतिविधियों का ना होना इकोनामी को बहुत गहरा नुकसान दे सकता है। इसलिए अर्थव्यवस्था का पहिया धीरे-धीरे घूमते रहना चाहिए, इस उद्देश्य से यह रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की है।
महाराष्ट्र टाइम्स की खास खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने यह निर्देश दिए हैं कि देश में जितने भी हॉटस्पॉट मुक्त इलाके हैं और जहां पर करुणा का प्रभाव कम है वहां कुछ हद तक राहत दी जा सकती है महाराष्ट्र सरकार ने सरकार की निर्देशों का पालन करते हुए राज्य में एक नई सर्व समावेशी ऑडी अधिसूचना जारी की है जिसमें बताया गया है कि किससे एवं किस प्रकार छूट मिलेगी योगदान का मुख्य उद्देश्य है कोरोना से जंग जीतना एवं इस उद्देश्य को यथावत रखते हुए ऐसे इलाके जहां कोरोना के मरीज ज्यादा है उन इलाकों को छोड़कर बाकी सभी जगह रिवाइज्ड गाइडलाइंस फॉलो की जाएंगी।
इन रीवाइज्ड गाइडलाइंस में बताया गया है कि सभी प्रकार की चिकित्सा से जुड़ी सुविधाएं, कृषि, फलों के बागान एवं खेती संबंधी उद्योग, इसके साथ ही मसाला बागानों में काम, नारियल, काजू, बैंकों की समस्त शाखाएं, एटीएम, ई-कॉमर्स कंपनियों को कामकाज शुरू करने की छूट दी गई है। तथा साथ ही अतिरिक्त औद्योगिक यूनिट में आने वाले खेती संबंधी काम, कंस्ट्रक्शन वर्क इन सभी सेक्टर्स को ज्यादा छूट देने का फैसला लिया है।
साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने 3 मई तक लॉक डाउन घोषित किया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में छूट दी गई है लेकिन फिर भी लॉक डाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा। इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रुप से ध्यान रखा जाएगा, स्वच्छता नियमों का पालन किया जाएगा, एवं मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि किसी भी स्थिति में अनावश्यक भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए, अन्यथा कार्यवाही की जाएगी। किसी भी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक उत्सव, पूजा-पाठ, प्रार्थना स्थलों पर भीड़ जमा होना, सम्मेलन, खेल प्रतियोगिता जैसे आयोजनों को कोई अनुमति नहीं दी गई है। यह भी ध्यान रखा जाएगा कि जीवन को चलाने के लिए जो आवश्यक सेवाएं एवं वस्तुएं हैं वे जनता को मिलती रहेगी एवं उन्हें कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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