News: देश में फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मार्च को देशभर में 21 दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन करने का ऐलान किया था। आज लॉक डाउन का 18वा दिन है और कोरोना वायरस के संक्रमण को तेजी से फैलते देख आज पीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक लेने का फैसला लिया। इस बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों का कहना था कि देश में लॉक डाउन का समय बढ़ाया जाए और लगभग सभी मुख्यमंत्री लॉक डाउन के बढ़ाने के पक्ष में ही थे। इस बैठक में दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और ओडिशा ने लॉक डाउन को बढ़ाने की बात रखी। संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक के परिणाम यह हो सकते हैं कि लोग डाउन को बढ़ाया जाए ममता बनर्जी का कहना है कि जीडीपी बुरी तरीके से गिर चुकी है, और उन्होंने केंद्र सरकार से इस महामारी से लड़ने के लिए कुछ सहायता भी मांगी। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कोई भी फैसला मानवीय और व्यावहारिक नजरिए से देखने के बाद ही लिया जाना चाहिए।। जहां भी संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा है उन जगहों को पूरी तरीके से सील कर देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके बताया कि लॉक डाउन को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत सही समय पर लॉक डाउन करने का फैसला लिया जो कि काफी हद तक सही रहा। आज दुनिया भर के विकसित एवं ताकतवर देशों के मुकाबले भारत बहुत ही बेहतर स्थिति में है। जब तक स्थिति पूरी तरह काबू में ना आ जाए हमें बहुत सोच समझ कर फैसला लेना चाहिए और लॉक डाउन को अवश्य बढ़ाना चाहिए। नहीं तो हमारी अब तक की सारी मेहनत बेकार हो जाएगी।
अभी अभी आ रहे सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार इस बैठक में हुई बातचीत पर विचार कर रही है और संभावना है कि इस लॉक डाउन के दौरान कई तरह की राहत जनता को दी जाएगी। पीएम मोदी ने इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को संदेश में कहा कि मैंने यह राष्ट्र के नाम संदेश दिया है कि अगर "जान है तो जहान है"। हर एक नागरिक की जान बचाने के लिए यह लॉक डाउन करना बेहद आवश्यक है। कोरोना से जंग जीतने के लिए हमें हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही होगा और यह लॉक डाउन के बिना कर पाना असंभव है। इसीलिए देश में 1 मई तक लॉक डाउन को बढ़ाया जा रहा है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में देश के अधिकतर लोगों ने अपना दायित्व निभाया है। सभी लोग देशवासियों की जिंदगी बचाने में लगे हैं। जान और जहान दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है। अगर हम भारत को स्वस्थ और समृद्ध देखना चाहते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग एवं लॉक डाउन का पालन करना आवश्यक है। देश पर मंडरा रहे इस भयंकर संकट से सभी को बचाने के लिए भारत के हर एक नागरिक को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से ही हम करना के खिलाफ इस लड़ाई में विजयी हो पाएंगे।
अधिक जानकारी के लिए बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 8000 का आंकड़ा पार कर चुकी है, जिसमें से लगभग 6560 मरीजों का इलाज लगातार चल रहा है और अब तक इस वायरस से 240 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ 642 लोग इससे ठीक भी हुए हैं। अगर पूरे देश की बात करें तो महाराष्ट्र में स्थिति अभी बेहद नाजुक है। केवल महाराष्ट्र में मरिजों की संख्या 1666 हो गई है, तमिलनाडु में 903, दिल्ली में पिछले 1 दिन में 183 नए मामले सामने आए हैं इसी के साथ दिल्ली में कुल मरीजों की संख्या 903 हो गई है जबकि 14 लोगों की मौत हुई है। गुजरात में भी 432 लोग इस वायरस से पॉजिटिव पाए गए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि देश में स्थिति संभली हुई है और अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसी स्टेज सामने नहीं आई है जो कि एक राहत की बात है। लेकिन फिर भी हमें लापरवाही नहीं बरतनी है और सभी को अलर्ट रहना है। जितनी सावधानी बरती जाएगी उतना बेहतर है। देशभर में 246 सरकारी एवं 67 प्राइवेट लैब में जांच चल रही है।
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