विश्व में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण से भारत देश भी अछूता नहीं रहा।
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या को बढ़ता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात को दिए अपने संबोधन में आने वाले 21 दिनों तक संपूर्ण भारत लॉक डाउन करने का फैसला लिया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि देश में लॉक डाउन से देश की अर्थव्यवस्था पर भारी मार पड़ेगी।
लेकिन संकट की इस घड़ी में होने वाले हर नुकसान को दरकिनार करते हुए देश के हर एक नागरिक का जीवन बचाना सरकार के लिए पहली प्राथमिकता है।
लेकिन इस लॉक डाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर कितना कितनी मार पड़ेगी इसका अंदाजा लगा पाना भी बहुत मुश्किल है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार
आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स के अनुसार लॉक डाउन के चलते अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर यानी कि ₹9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने वाला है। इस नुकसान की वजह से देश की जीडीपी में भी गिरावट आएगी।अंदाजा लगाया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान से जीडीपी में 4 फ़ीसदी की गिरावट आएगी।
पीएम का यह भी कहना है कि अगर इन 21 दिनों में हम नहीं संभले तो देश 21 वर्ष पीछे चला जाएगा।
बुधवार को एनालिस्ट ने देश के आर्थिक पैकेज की जरूरतों पर जोर दिया। इस समय देश को आर्थिक रूप से संभालने के लिए आर्थिक पैकेज बहुत जरूरी है।
RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) 3 अप्रैल को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी का रिव्यू करने वाला है।
एनालिस्ट का अंदाजा है कि आरबीआई अपनी रेपो रेट में बड़ी कटौती कर सकता है।
बताया जा रहा है कि आरबीआई अपने रेपो रेट में 1 फ़ीसदी तक की कटौती कर सकती है।
मंगलवार रात 12:00 बजे से देशभर में हुए लॉक डाउन की वजह से बुधवार सुबह शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई लेकिन कुछ समय बाद बाजार संभल गया।
बार्कलेज जो कि ब्रिटिश ब्रोकरेज हाउस है उसने अपने एक नोट में फिस्कल ईयर 2021 के लिए ग्रोथ का अनुमान 1.7 फीसदी कम करके उसे 3.5 फीसदी कर दिया है। उनके इस नोट में लिखा है कि "हमारा अनुमान है कि क्यों cumulative slowdown की वजह से जीडीपी में 4 फ़ीसदी की गिरावट होगी यानी की देश को 120 अरब डॉलर मतलब रुपए ₹9 लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है"।
साथ ही बार्कलेज ने यह भी बताया कि RBI अप्रैल के अपने मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में 0.65 फीसदी रेट घटा सकती है और रेपो रेट में भी 1 फीसदी तक कटौती कर सकती है।
वहीं दूसरी ओर emkay ने पोलिसीमेकर्स की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है कि भारत में दूसरे देशों के मुकाबले जल्दी लॉक डाउन किया है। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि देश के आर्थिक पक्ष पर होने वाले असर को कम करना बहुत ज्यादा मुश्किल होगा क्योंकि ज्यादा विकल्प नहीं है।
24 मार्च को देशभर में हुए लॉक डाउन से देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने भी economy के सपोर्ट में कुछ अहम फैसले लिए। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही राहत पैकेज लेकर आ रही है।
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