News : देश में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की साइकिल को रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा लगाए लॉक डाउन की वजह से लगभग व्यापार के सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इस कठिन समय में लॉजिस्टिक एवं मरीन सेक्टर भी संकट झेल रहे हैं। ऐसे में लॉजिस्टिक एवं मरीन सेक्टर में सरकार से राहत पैकेज देने की मांग की है। इन सेक्टर का कहना है कि कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए सरकार उनसे आने वाले 3 महीने तक के कर्ज पर किसी प्रकार का कोई ब्याज ना ले।
इन स्थितियों में इन सेक्टर्स का यह भी कहना है कि सरकार नाम मात्र की मामूली कागजी कार्रवाई की वजह से अटके लोन को जल्दी ही पास कर दे। वहीं पीपीपी कॉन्ट्रैक्ट के तहत 180 दिनों के लिए पेमेंट को टाल दिया जाए। इतना ही नहीं इसके साथ ही MGT यानी कि minimum guaranteed throughput ऑब्लिगेशन का जो पेमेंट हैं उसे भी टालने की मांग की है।
लॉजिस्टिक एवं मरीन सेक्टर ने सरकार से यह भी कहा है कि मरीन क्षेत्रों में पोर्ट ट्रस्ट को दिया जाने वाला लैंड लीज पेमेंट भी टाल दिया जाए। इसके साथ ही रेवेन्यू रॉयल्टी/शेयर को चुकाने में भी हमें छूट दी जाए। इसके अलावा वीआरसी यानी कि vessel- related charges में भी कम से कम 20 प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाए। जानकारी के लिए बता दें कि वीआरसी (vessel- related charges) कार्गो टर्मिनल ऑपरेटर को देने होते हैं। वहीं लॉजिस्टिक क्षेत्र ने यह भी मांग की ही कि GST दरो को कम करके उन्हें 12% कर दिए जाएं।
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