दुनिया भर में कोरोना वायरस की दहशत के बीच अब एक और नए वायरस से मौत का मामला सामने आया है। हाल ही में चीन के ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट करके बताया है कि यूनान प्रांत में हंता वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि यह वायरस चूहों के मल, मूत्र के प्रभाव में आने से फैल रहा है। अभी-अभी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस नए वायरस के बारे में जानकारी दी है। जानिए हंता वायरस कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या है, इससे बचने के क्या उपाय हैं।
हंता वायरस क्या है
अमेरिका के सीडीसी यानी कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की माने तो यह ऐसे जीवो से फैलता है जो जीव चीजों को काटने कुतरने के लिए जाने जाते हैं जैसे कि चूहे और गिलहरी। दरअसल पलमोनरी सिंड्रोम बीमारी की वजह यह हंता वायरस ही है। इस वायरस के कई प्रकार हैं जो कि चूहों और गिलहरियों की अलग-अलग प्रजातियां से फैलते हैं। इस वायरस को अमेरिका में न्यू वर्ल्ड हंता वायरस तथा यूरोप और एशिया में ओल्ड वर्ल्ड हंता वायरस के नाम से जाना जा रहा है। गौरतलब है कि हंता वायरस के कारण चूहों के शरीर में किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होती लेकिन अगर यह वायरस इंसानी शरीर में आ जाए तो वह मौत का कारण भी बन सकता है।हंता वायरस कैसे फैलता है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस वायरस का संक्रमण संक्रमित चूहे के मल-मूत्र और लार के संपर्क में आने से फैल रहा है।अमेरिका के सीडीसी द्वारा बताया गया है कि यह वायरस 3 प्रकार से फैलता है।
*जब संक्रमित चूहा किसी इंसान को काट ले तो वह इंसान भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। हालांकि इस प्रकार के मामले बहुत ही कम देखे जाते है।
*अगर कोई जगह या कोई चीज चूहे के मल मूत्र या लार से संक्रमित हो और जब कोई व्यक्ति ऐसी जगह के संपर्क में आने के बाद अपने नाक मुंह को छूता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है।
*इंसान के खाने की वस्तु में अगर चूहे का मल मूत्र या लार मौजूद हो तब भी वह इंसान को संक्रमित कर देता है।
हंता वायरस के लक्षण
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वायरस के संक्रमण का पता लगने में एक से आठ हफ्तों तक का वक्त लग जाता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में तेज बुखार, सिर दर्द, पेट में दर्द, बदन दर्द के साथ साथ डायरिया और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस संक्रमण की गंभीरता बढ़ने पर सांस लेने में तकलीफ होती है तथा संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में पानी भरने लगता है और अगर यह स्थिति बनी रहे तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।डियर माउस है हंता वायरस का सबसे खतरनाक वाहक
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक हंता वायरस को फैलाने में चूहों के 4 प्रजातियां आती है। इन चारों प्रजातियों में से जो सबसे अहम है वह है अमेरिका में पाए जाने वाला डियर माउस। यह माउस दिखने में आम चूहों से थोड़ा छोटा होता है तथा इसके शरीर की लंबाई 2 से 3 इंच ही होती है जबकि अगर शरीर से तुलना की जाए तो उसकी आंख और नाक बड़े होते हैं। इसके शरीर पर बाल भी काफी मात्रा में होते हैं। बाकी तीन प्रजातियों में कॉटन रैट, व्हाइट फुट माउस और राइस रैट शामिल है।अमेरिका के सीडीसी यानी कि सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है कि इस वायरस का खतरा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है क्योंकि वहां पेड़ पौधे अधिक होते हैं तथा चूहों की संख्या भी अधिक पाई जाती है। लेकिन हंता वायरस का सबसे खतरनाक वाहक जो कि डियर माउस है वह ज्यादातर अमेरिका में पाया जाता है।
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